फाइनेंस मिनिस्ट्री के द्वारा देश का बजट अनाउंस किया जाता है जिसमें हमें पता चलता है कि सरकार कितना पैसा कमा रही है?? कितना पैसा अलग-अलग जगहों पर खर्च कर रही है??
जनता की भलाई के लिए हमेशा की तरह इस साल भी फस्ट फरवरी को फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमन ने यूनियन बजट 2024 प्रेजेंट किया। लेकिन फर्क यह था कि इस साल का बजट एक इंटरम बजट था यानी कि एक टेंपररी बजट जो पूरे साल के लिए बस एस्टिमेट्स देगा ऐसा इसलिए क्योंकि इस साल लोकसभा की इलेक्शंस हैं जब इलेक्शंस के बाद नई सरकार बनेगी तो फुल बजट जुलाई के महीने में प्रेजेंट किया जाएगा। जब भी इलेक्शन ईयर होता है यही किया जाता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि बजट जरूरी नहीं है। अगले कुछ महीनों तक सरकार कैसे पैसे खर्च करेगी इसी से ही पता चलेगा और एक ओवरऑल स्ट्रेटेजी और डायरेक्शन भी पता चलती है।
जो पैसा सरकार खर्च कर रही है वो लॉंग टर्म एसेट्स में बड़े-बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स जैसे कि सड़कें बनाना, रेलवेज पोर्ट्स, बड़ी-बड़ी बिल्डिंग बनाना या ब्रिजे बनाना. पिछले साल सरकार ने 10 लाख करोड़ रुपए एलोकेट किए थे। हालांकि सरकार ने ये सारे के सारे 10 लाख करोड़ रुपए खर्च नहीं किए. पिछले साल एक्चुअल स्पेंडिंग जो थी वो फिर भी 9.5 लाख करोड़ थी। लेकिन इस साल इसे 11.1% से और बढ़ा दिया गया है यानी कि 111111 करोड़ खर्च करने का प्लान बनाया है। इसके पीछे कारण बड़ा सिंपल है सरकार का कहना है कि अगर इन जगहों पर पैसा स्पेंड किया जाता है तो इससे इकोनॉमिक ग्रोथ बहुत बढ़ती है, और एंप्लॉयमेंट क्रिएशन भी देखने को मिलती है, लोगों को नौकरियां मिलती हैं। फाइनेंस मिनिस्टर ने कहा कि पिछले 4 सालों में कैपिटल एक्सपेंडिचर तीन गुना बढ़ चुका है। रेलवेज के लिए स्पेसिफिकली 2.55 लाख करोड़ रुपये एलोकेट किए गए हैं और तीन नए कॉरिडोर्स भी अनाउंस किए गए। एनर्जी मिनरल एंड सीमेंट कॉरिडोर, पोर्ट कनेक्टिविटी कॉरिडोर और हाई ट्रैफिक डेंसिटी कॉरिडोर फाइनेंस मिनिस्टर ने यह भी कहा कि 40000 से ज्यादा नॉर्मल रेल बोगी को वंदे भारत के स्टैंडर्ड्स में कन्वर्ट किया जाएगा।
एग्रीकल्चर के सेक्टर की बात करें तो सरकार ने अनाउंस किया है। आत्मनिर्भर भारत के अंदर ऑयल, सीड्स अभियान और फोकस किया है। डीएपी जैसे फर्टिलाइजर्स को बढ़ावा दिया गया और दूसरी तरफ जो ऑयल सीड्स इनिशिएटिव है इसमें सरकार ने कहा कि देश के बाहर से जो हम इंपोर्ट्स कर रहे हैं उसे कट करना चाहते हैं। एडिबल ऑयल इंपोर्ट्स को 60 पर से कट करके 30 पर पर लाना चाहते हैं जैसे कि इंडिया मस्टर्ड ग्राउंडनट, सोयाबीन, सनफ्लावर जैसी सीड्स में सेल्फ रिलायंट यानी आत्मनिर्भर बन सके। लेकिन फर्टिलाइजर के लिए जो सब्सिडीज दी जाती हैं उसका बजट कट किया गया है पिछले साल के 1.89 लाख करोड़ के कंपैरिजन में इस साल 1.64 लाख करोड़ किया गया है। फूड सब्सिडी इस को भी कट किया गया है पिछले साल की बजट एलोकेशन 2.12 लाख करोड़ थी इस साल की 2.05 लाख करोड़ कर दी गई है।
एजुकेशन और हेल्थ केयर के सेक्टर्स में आए तो यहां काफी बुरी खबर है। सरकार ने ऑलरेडी पिछले साल एजुकेशन का बजट कट किया था लेकिन जितना सरकार ने कहा था कि वह खर्च करेंगे पिछले साल उतना भी खर्च नहीं किया। उससे भी कम खर्च की!!111000 करोड़ सरकार ने पिछले साल के बजट में कहा था वो एजुकेशन पर खर्च करेंगे लेकिन जो रिवाइज्ड बजट के एस्टिमेट्स हैं उनके अनुसार सरकार सिर्फ 108000 करोड़ ही खर्च कर पाएगी। इस साल एक छोटासा इंक्रीज जरूर है एजुकेशन के बजट में 1.16 लाख करोड़ की जगह अब 1.25 लाख करोड़ सरकार ने एलोकेट किए हैं। ऊपर से एजुकेशन सेक्टर के अंदर कई अलग-अलग जगहों पर बड़े-बड़े बजट कट्स किए गए हैं जैसे कि यूजीसी यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन को एलोकेट किया जाने वाला बजट 60 पर से कट कर दिया गया। इस साल पिछले साल का रिवाइज्ड एस्टिमेटर इस साल सिर्फ 22500 करोड़ इन्हें दिए गए। पिछले साल के 11500 करोड़ की जगह इस साल 15000 करोड़ एलोकेट किए गए हैं रिसर्च एंड इनोवेशन में खर्च किया जाने वाला पैसा बढ़ाया गया है पिछले साल के 210 करोड़ की जगह इस साल 3355 करोड़ एलोकेट किए गए हैं।
हेल्थ केयर के सेक्टर में पिछले साल सरकार ने 89000 करोड़ एलोकेट किए थे। लेकिन रिवाइज्ड एस्टिमेट्स के अनुसार सिर्फ 79000 करोड़ ही खर्च हो पाएंगे। इस साल एक बहुत छोटा सा इंक्रीज देखा गया 89000 करोड़ की जगह सरकार ने 90000 करोड़ एलोकेट किए हैं यहां दो इनिशिएटिव सरकार ने अनाउंस किए हैं पहला कि आयुष्मान भारत को एक्सपेंड किया जाएगा और दूसरा सर्विकल कैंसर की वैक्सीन पे भी फोकस दिया है।
इसके बाद आते हैं हम हाउसिंग पर जहां प्रधानमंत्री आवास योजना चल रही है गरीब लोगों को अफोर्डेबल हाउसिंग देना इसकी एलोकेशन बढ़ाई गई है। पिछले साल के 9590 करोड़ की जगह इस साल 8671 करोड़ एलोकेट किए गए हैं। इसी योजना के तहत सरकार ने यह भी कहा है कि मिडिल क्लास के डिजर्विंग सेक्शंस के लिए वो एक नई स्कीम लॉन्च करेगी। जो लोग रेंटेड घरों में रहते हैं स्लम्स में रहते हैं या अनऑथराइज्ड कॉलोनी में रहते हैं उन्हें अपने घर बनाने का और खरीदने का मौका दि दिया जाएगा।