भारतीय न्याय संहिता के तहत भारत में नया हिट-एंड-रन कानून लाने के बाद ट्रक ड्राइवरोने सरकारका जम से विरोध कर रहे है। अब तक एक लाख से जादा ड्राइवरोंने अगर किसी हिट-एंड-रण केसमे दुर्घटनास्थल से भागने वाले ड्राइवरों के लिए सख्त दंड लगाता है। पहिले कानून के मुताबिक, हिट-एंड-रन दुर्घटना के बाद मौके से भागने वाले ड्राइवर को 02 साल तक की जेल या ₹3 लाख का जुर्माना, या दोनो भी लागू हो सकते थे।
क्यो कर रहे सब विरोध?
नये कायदे अंतर्गत हिट-एंड-रण केसमे दुर्घटनास्थल से भागने वाले ड्राइवरों को जुर्माना और सजा को बहुत बढाया गया है। पहिले जहा दो साल कि जेल होती थी अब उसे बढाकर सात(07) साल कर दिया है और जुर्माना भी बढाकर ₹10 लाख कर दिया है। जो बहुत बडा जुर्माना है और साथही साथ जेल भी है।
दुसरा कारणयह भी है कि अगर किसी एक जगह अक्सिदेंट हुआ, तो इसमे ड्राइवरकी गलती हो या ना हो, ड्राइवरकी मोब/ आजूबाजुके लोगोंद्वारा पिटाई हो जाती है। इसी कारण कई ड्राइवर वहासे भाग जाते है।
हड़ताल के दौरान ट्रक ड्राइवरों को खुद भी नुकसान झेलना पड़ सकता था। उन्हें आर्थिक हानि का सामना करना पडा। क्योंकि उनकी आमदनी अचानक से बंद हो गयी। ज्यादातर ट्रक ड्राइवर दैनिक पर कमाते हैं. ट्रक सेवाएं रुकने से स्थानीय व्यापारों को भी नुकसान हो गया। इस हडताल से आम आदमी भी परेशान हो गये। कई लोगोंने हडताल के कारण पेट्रोल पंप पर पेट्रोल पाने के लिये भीड कर दी।
केंद्र सरकार के इस आश्वासन के बाद कि यूनियन प्रतिनिधियों के साथ अगली बातचीत तक हिट-एंड-रन दुर्घटनाओं के लिए नए कानून लागू नहीं किए जाएंगे, ट्रक ड्राइवरों का विरोध दो दिनों के बाद बंद कर दिया गया।